tag:blogger.com,1999:blog-3431312993057069302.post8445318355023058668..comments2023-07-17T13:46:46.521+05:30Comments on अभिव्यक्तियाँ: मन का उद्वेग..अनामिका की सदायें ......http://www.blogger.com/profile/08628292381461467192noreply@blogger.comBlogger5125tag:blogger.com,1999:blog-3431312993057069302.post-9970565979038665222010-01-21T19:25:35.117+05:302010-01-21T19:25:35.117+05:30behtreen....behtreen....संजय भास्कर https://www.blogger.com/profile/08195795661130888170noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3431312993057069302.post-17101226004628072422010-01-20T12:09:35.741+05:302010-01-20T12:09:35.741+05:30ये बेबुनियादी अहं की बहस ...और उससे उगते कांटे दूर...ये बेबुनियादी अहं की बहस ...और उससे उगते कांटे दूरियां पैदा कर जातें हैं ताउम्र की .....सुंदर भाव.....!!हरकीरत ' हीर'https://www.blogger.com/profile/09462263786489609976noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3431312993057069302.post-30289046965804645852010-01-14T17:06:34.598+05:302010-01-14T17:06:34.598+05:30सब्र का घूँट पिला देने पर भी..
नहीं शांत होता
मन क...सब्र का घूँट पिला देने पर भी..<br />नहीं शांत होता<br />मन का उद्वेग..<br />और..सही कहा इस तरह के हालात से अक्सर मन गुजरता है .आपने इन भावों को बखूबी लफ़्ज़ों में समेटा है ..शुक्रियारंजू भाटियाhttps://www.blogger.com/profile/07700299203001955054noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3431312993057069302.post-89838278682059321312010-01-13T19:23:50.352+05:302010-01-13T19:23:50.352+05:30पूरा वजूद रूपी पेड..
तब चन्दन की खुशबु देने वाले
भ...पूरा वजूद रूपी पेड..<br />तब चन्दन की खुशबु देने वाले<br />भाव भी<br />ज़हर में डूबने लगते है..!<br />bas dil ko choo gayee aapakee r5acanaa badhaaI bahut bahut shubhakaamanayeMनिर्मला कपिलाhttps://www.blogger.com/profile/11155122415530356473noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3431312993057069302.post-40553261279003740882010-01-13T18:19:53.177+05:302010-01-13T18:19:53.177+05:30विषाक्त हो जाता है
पूरा वजूद रूपी पेड..
तब चन्दन क...विषाक्त हो जाता है<br />पूरा वजूद रूपी पेड..<br />तब चन्दन की खुशबु देने वाले<br />भाव भी<br />ज़हर में डूबने लगते है..!<br /><br /><br />बिल्कुल सही लिखा है.....जाकी रही भावना जैसी , प्रभु मूरत देखी तिन तैसी <br />अच्छी रचना..संगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.com