Sunday, 2 May 2010
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हमारे जाने - माने मश-हूर लेखको के लेखन से एकत्र की कुछ अभिव्यक्तिया जो मैं यहाँ समय समय पर लिखने की कोशिश कर्रूँगी. प्रार्थना है कि सभी पढने वाले इन्हें पढ़ कर अपनी टिप्पणियों द्वारा अपना योगदान दे अनुग्रहीत करे ...
बिलकुल सही कहा आपने....
ReplyDeleteसच कहा आपने। उस क्षण सिर्फ विवेक साथ देता है।
ReplyDeleteसादर
श्यामल सुमन
09955373288
www.manoramsuman.blogspot.com
अंतर्द्वंद की परिस्थिति का सही आंकलन किया है.....लेखक आप ही हैं या कोई और? नाम नहीं दिया है...इस लिए पूछा की आपका ये ब्लॉग मशहूर लेखकों की लिखी हुई बातों पर आधारित है ..
ReplyDeletesahi kaha...
ReplyDeleteसदविचार
ReplyDeleteस्वयं से पूछें , और जो दिल कहे वही करें ! शुभकामनायें !
ReplyDeleteसंगीता जी शुक्रिया याद दिलाने के लिए. जल्दी में लेखक का नाम भूल गयी थी. इस अभिव्यक्ति के लेखक डा. जगन्नाथ प्रसाद शर्मा जी हैं.
ReplyDeleteबढ़िया परिभाषित किया.
ReplyDeleteडा. जगन्नाथ प्रसाद शर्मा जी के विचार प्रस्तुत करने का आभार.
ReplyDeleteBAHUT KHUB
ReplyDeleteBADHAI AAP KO IS KE LIYE