यदि पुरुष की उपेक्षा करो, सीधे मुह बात ना करो तो वो तुम्हारा सब प्रकार से आदर करेंगे, तुम पर प्राण समर्पण करेंगे, परंतु ज्यू ही ज्ञात हो गया कि अब इसके हृदय में मेरा प्रेम हो गया है उसी दिन से दृष्टी फिर जायेगी, बात बात पर रुठेंगे, रोओगी तो ना मनायेंगे ! मन ही मन प्रसन्न होंगे कि कैसा फंडा डाला है ! हमारे सम्मुख और स्त्रियो कि प्रशंसा करेंगे ! हमे जलाने में आनंद अनुभव करेंगे !!
........मुन्शी प्रेम चंद
Sunday, 14 March 2010
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अनामिका जी ये बात हर पुरुष के लिए ठीक नहीं है....वैसे दोनो स्त्री औऱ पुरुष कम नहीं होते....जिसको जैसा अनुभद हो, वो वैसा ही समझेगा....
ReplyDeleteanubhav apna apna par baate kuchh had tak sahi hai .sundar
ReplyDeletebilkul satya vachan
ReplyDeleteabhaar
काफी हद तक सही है , लापरवाही कह सकते हैं इसे अपनों के प्रति अगर एक बार अपनापन पर विश्वास हो जाये !!
ReplyDeleteha ha...ise kriya ki pratikriya kehte hai madam!!!
ReplyDeleteऐसा लगता तो नहीं ...
ReplyDeleteमुझे भी नहीं पता था पुरुष स्वभाव के बारे में
मेरी धर्म पत्नी भी खुश हुई हैं ये विचार पढ़ कर
चलो आपके बहाने पता तो चला ...
वैसे एक बार प्यार दे कर देखे कोई
'उपेक्षा करने' और 'टेढ़े मुंह बात न करने' से बेहतर परिणाम मिलेंगे, ऐसा मेरा विश्वास है ...
बहुत सुंदर अभिव्यक्ति....
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