Tuesday, 6 April 2010

व्यक्तित्व की पहचान

सोने की पहचान आग से होती है और व्यक्तित्व की पहचान भी तभी होगी जब वो काठीनाईयो से, वेदनाओ से, संघर्षो से खेळे और बाद में विजयी हो . तभी पता चलता है व्यक्तित्व में कितना प्रकाश और बळ है
धरम वीर भारती

6 comments:

  1. सही है
    पहचानने वाले मिले तभी

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  2. आपकी बात का सार मुझे लगता है।

    अर्जुन और एकलव्य।

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  3. sahi he


    insan ki pahchan bhi duniya kitapis ki aag se hoto he





    shekhar kumawat


    http://kavyawani.blogspot.com/

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  4. व्यक्तित्व की पहचान ठीक इसी तरह होती है। सही लिखा है आपने।

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  5. भारती जी को इस तरह से याद करना अच्छा लगा । धन्यवाद ।

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  6. अच्छा लगा भारती जी के वाक्यांश सुनकर!

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