Sunday, 25 September 2011

नए समाज के लिए



नए समाज के लिए नया विधान चाहिए !

असंख्य शीश जब कटे
स्वदेश शीश तन सका,
अपार रक्त-स्वेद से,
नवीन पंथ बन सका !

नवीन पंथ पर चलो, न जीर्ण मंद चाल से,
नयी दिशा, नए कदम, नया प्रयास चाहिए !

विकास की घडी में अब,
नयी-नयी कलें चलें ,
वणिक स्वनामधन्य हों,
नयी - नयी मिलें चलें !

मगर प्रथम स्वदेश में, सुखी वणिक-समाज से 
सुखी मजूर चाहिए, सुखी किसान चाहिए !

विभिन्न धर्म पंथ हैं,
परन्तु एक ध्येय के !
विभिन्न कर्मसूत्र हैं,
परन्तु एक श्रेय के !

मनुष्यता महान धर्म है, महान कर्म है,
हमें इसी पुनीत ज्योति का वितान चाहिए !


हमें न स्वर्ग चाहिए,
न वज्रदंड चाहिए,
न कूटनीति चाहिए,
न स्वर्गखंड चाहिए !

हमें सुबुद्धि चाहिए, विमल प्रकाश चाहिए,
विनीत शक्ति चाहिए, पुनीत ज्ञान चाहिए !


रामकुमार चतुर्वेदी




13 comments:

  1. हमें सुबुद्धि चाहिए, विमल प्रकाश चाहिए,
    विनीत शक्ति चाहिए, पुनीत ज्ञान चाहिए !bahut hi badhiyaa

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  2. झाँसी की रानी बनती जा रही हो भाई तुम तो हा हा हा रामकुमार जी की कविता जोश भर देने वाली है.सच में यही सत्य है और अब हमे बस यही चाहिए.आमीन.

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  3. नव निर्माण तभी तो होगा।

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  4. बहुत जोश और सकारात्मक सोच से ओत प्रोत प्रस्तुति

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  5. मनुष्यता महान धर्म है, महान कर्म है,
    हमें इसी पुनीत ज्योति का वितान चाहिए !

    बहुत ही ओजपूर्ण रचना ! रग रग में ऊर्जा और जोश भर गयी ! इतनी सुन्दर रचना को पढ़वाने के लिये धन्यवाद एवं आभार !

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  6. वाह! एक ओजपूर्ण रचना।

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  7. विभिन्न धर्म पंथ हैं,
    परन्तु एक ध्येय के !
    विभिन्न कर्मसूत्र हैं,
    परन्तु एक श्रेय के !
    *
    हमें सुबुद्धि चाहिए, विमल प्रकाश चाहिए,
    विनीत शक्ति चाहिए, पुनीत ज्ञान चाहिए
    *
    बहुत ओजस्वी रचना -प्रसाद की 'हिमाद्रि तुंगशृंग से----'
    की याद दिला गई .
    अनामिका जी आपका आभार !

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  8. मगर प्रथम स्वदेश में, सुखी वणिक-समाज से
    सुखी मजूर चाहिए, सुखी किसान चाहिए ...

    सच कहा ... देश की खुशहाली भी तभी होगी जब हर अंग समाज का खुश होगा ...

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  9. बढ़िया प्रस्तुति के लिए आभार !

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  10. हमें न स्वर्ग चाहिए,
    न वज्रदंड चाहिए,
    न कूटनीति चाहिए,
    न स्वर्गखंड चाहिए !

    हमें सुबुद्धि चाहिए, विमल प्रकाश चाहिए,
    विनीत शक्ति चाहिए, पुनीत ज्ञान चाहिए !
    Sach! Bas,yahee chahiye!

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  11. बेहतरीन अभिव्यक्ति....
    आपको सपरिवार नवरात्रि पर्व की बधाई और शुभकामनाएं

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  12. सार्थक प्रस्तुति
    आप भी मेरे फेसबुक ब्लाग के मेंबर जरुर बने
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