नए समाज के लिए नया विधान चाहिए !
असंख्य शीश जब कटे
स्वदेश शीश तन सका,
अपार रक्त-स्वेद से,
नवीन पंथ बन सका !
नवीन पंथ पर चलो, न जीर्ण मंद चाल से,
नयी दिशा, नए कदम, नया प्रयास चाहिए !
विकास की घडी में अब,
नयी-नयी कलें चलें ,
वणिक स्वनामधन्य हों,
नयी - नयी मिलें चलें !
मगर प्रथम स्वदेश में, सुखी वणिक-समाज से
सुखी मजूर चाहिए, सुखी किसान चाहिए !
विभिन्न धर्म पंथ हैं,
परन्तु एक ध्येय के !
विभिन्न कर्मसूत्र हैं,
परन्तु एक श्रेय के !
मनुष्यता महान धर्म है, महान कर्म है,
हमें इसी पुनीत ज्योति का वितान चाहिए !
हमें न स्वर्ग चाहिए,
न वज्रदंड चाहिए,
न कूटनीति चाहिए,
न स्वर्गखंड चाहिए !
हमें सुबुद्धि चाहिए, विमल प्रकाश चाहिए,
विनीत शक्ति चाहिए, पुनीत ज्ञान चाहिए !
रामकुमार चतुर्वेदी
हमें सुबुद्धि चाहिए, विमल प्रकाश चाहिए,
ReplyDeleteविनीत शक्ति चाहिए, पुनीत ज्ञान चाहिए !bahut hi badhiyaa
झाँसी की रानी बनती जा रही हो भाई तुम तो हा हा हा रामकुमार जी की कविता जोश भर देने वाली है.सच में यही सत्य है और अब हमे बस यही चाहिए.आमीन.
ReplyDeleteसुंदर भाव।
ReplyDelete------
मनुष्य के लिए खतरा।
...खींच लो जुबान उसकी।
नव निर्माण तभी तो होगा।
ReplyDeleteबहुत जोश और सकारात्मक सोच से ओत प्रोत प्रस्तुति
ReplyDeleteमनुष्यता महान धर्म है, महान कर्म है,
ReplyDeleteहमें इसी पुनीत ज्योति का वितान चाहिए !
बहुत ही ओजपूर्ण रचना ! रग रग में ऊर्जा और जोश भर गयी ! इतनी सुन्दर रचना को पढ़वाने के लिये धन्यवाद एवं आभार !
वाह! एक ओजपूर्ण रचना।
ReplyDeleteविभिन्न धर्म पंथ हैं,
ReplyDeleteपरन्तु एक ध्येय के !
विभिन्न कर्मसूत्र हैं,
परन्तु एक श्रेय के !
*
हमें सुबुद्धि चाहिए, विमल प्रकाश चाहिए,
विनीत शक्ति चाहिए, पुनीत ज्ञान चाहिए
*
बहुत ओजस्वी रचना -प्रसाद की 'हिमाद्रि तुंगशृंग से----'
की याद दिला गई .
अनामिका जी आपका आभार !
मगर प्रथम स्वदेश में, सुखी वणिक-समाज से
ReplyDeleteसुखी मजूर चाहिए, सुखी किसान चाहिए ...
सच कहा ... देश की खुशहाली भी तभी होगी जब हर अंग समाज का खुश होगा ...
बढ़िया प्रस्तुति के लिए आभार !
ReplyDeleteहमें न स्वर्ग चाहिए,
ReplyDeleteन वज्रदंड चाहिए,
न कूटनीति चाहिए,
न स्वर्गखंड चाहिए !
हमें सुबुद्धि चाहिए, विमल प्रकाश चाहिए,
विनीत शक्ति चाहिए, पुनीत ज्ञान चाहिए !
Sach! Bas,yahee chahiye!
बेहतरीन अभिव्यक्ति....
ReplyDeleteआपको सपरिवार नवरात्रि पर्व की बधाई और शुभकामनाएं
सार्थक प्रस्तुति
ReplyDeleteआप भी मेरे फेसबुक ब्लाग के मेंबर जरुर बने
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