चाचा नेहरू, तुम्हें प्रणाम !
तुमने किया स्वदेश स्वतंत्र, फूंका देश-प्रेम का मन्त्र,
आजादी के दीवानों में पाया पावन यश अभिराम !
चाचा नेहरू, तुम्हें प्रणाम !
सबको दिया ह्रदय का प्यार, चाहा जन-जन का उद्धार,
भारत माता की सेवा में, समझ लिया आराम हराम !
चाचा नेहरू, तुम्हें प्रणाम !
पंचशील का गाया गान, विश्व -शांति की छेड़ी तान,
दुनियां को माना परिवार, बही प्रेम-सरिता अविराम !
चाचा नेहरू, तुम्हें प्रणाम !
पाकर तुम-सा अनुपम लाल, हुआ देश का ऊँचा भाल,
भूल नहीं सकते तुमको हम, अमर रहेगा युग-युग नाम !
चाचा नेहरू, तुम्हें प्रणाम !
विनोदचंद्र पाण्डेय 'विनोद'
अनामिका जी, आप की पोस्ट पढ़कर चाचा नेहरु की याद आ गयी इस सुंदर पोस्ट के लिए आपको बधाई ......आभार
ReplyDeleteसाथ ही विनोद चंद जी को सुंदर कविता के लिखने की..बधाई...
मेरे नई पोस्ट =वजूद= में आप का स्वागत है |
बहुत सुन्दर।
ReplyDeleteबहुत खूबसूरत तरीके से चाचा नेहरू को स्मरण किया है आपने और अन्य सभी पाठकों को भी उनकी याद दिलाई है ! रचना भी बहुत प्यारी है ! उसके लिये विनोद जी को बधाई ! नेहरू जी को भावभीनी शेअद्धांजलि !
ReplyDeletebahut hi badhiyaa
ReplyDeleteमैं तो कई बार इसे गा चुका हूं। कल से ही। मुझे यह गीत बहुत पसन्द है। आभार आपका इसे फिर से याद दिलाने के लिए।
ReplyDeleteइस ब्लॉग पर आपका संकलन और चयन बहुत ही प्रेरक और लाभदायक रहता है।
man khush ho gaya......
ReplyDeleteआपका पोस्ट अच्छा लगा । मेरे नए पोस्ट पर आपका आमंत्रण है । ।धन्यवाद ।
ReplyDeleteबाल दिवस पर सुंदर प्रस्तुति!
ReplyDeleteBahut sundar rachana se ru-b-ru karaya aapne!
ReplyDeleteस्थूल आलेखों की तुलना में,ऐसी कविताएं अधिक सहायक हैं बच्चों को परिचित कराने के लिए।
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