Tuesday 8 November 2011

चाचा नेहरू, तुम्हें प्रणाम

                                  


                                       चाचा नेहरू, तुम्हें प्रणाम !

तुमने किया स्वदेश स्वतंत्र, फूंका देश-प्रेम का मन्त्र,
आजादी  के  दीवानों  में  पाया पावन यश अभिराम !
                                       चाचा नेहरू, तुम्हें प्रणाम !

सबको दिया ह्रदय का प्यार, चाहा जन-जन का उद्धार,
भारत माता की सेवा में,  समझ लिया आराम हराम !
                                        चाचा नेहरू, तुम्हें प्रणाम !

पंचशील   का  गाया  गान, विश्व -शांति की छेड़ी तान,
दुनियां को माना परिवार, बही प्रेम-सरिता अविराम !
                                        चाचा नेहरू, तुम्हें प्रणाम !

पाकर तुम-सा अनुपम लाल, हुआ देश का ऊँचा भाल,
भूल नहीं सकते तुमको हम, अमर रहेगा युग-युग नाम !
                                       चाचा नेहरू, तुम्हें प्रणाम !

                          
                            विनोदचंद्र पाण्डेय 'विनोद'

10 comments:

  1. अनामिका जी, आप की पोस्ट पढ़कर चाचा नेहरु की याद आ गयी इस सुंदर पोस्ट के लिए आपको बधाई ......आभार
    साथ ही विनोद चंद जी को सुंदर कविता के लिखने की..बधाई...
    मेरे नई पोस्ट =वजूद= में आप का स्वागत है |

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  2. बहुत खूबसूरत तरीके से चाचा नेहरू को स्मरण किया है आपने और अन्य सभी पाठकों को भी उनकी याद दिलाई है ! रचना भी बहुत प्यारी है ! उसके लिये विनोद जी को बधाई ! नेहरू जी को भावभीनी शेअद्धांजलि !

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  3. मैं तो कई बार इसे गा चुका हूं। कल से ही। मुझे यह गीत बहुत पसन्द है। आभार आपका इसे फिर से याद दिलाने के लिए।
    इस ब्लॉग पर आपका संकलन और चयन बहुत ही प्रेरक और लाभदायक रहता है।

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  4. आपका पोस्ट अच्छा लगा । मेरे नए पोस्ट पर आपका आमंत्रण है । ।धन्यवाद ।

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  5. बाल दिवस पर सुंदर प्रस्तुति!

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  6. Bahut sundar rachana se ru-b-ru karaya aapne!

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  7. स्थूल आलेखों की तुलना में,ऐसी कविताएं अधिक सहायक हैं बच्चों को परिचित कराने के लिए।

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