मैं सैनिक बन जाऊँगा !
सेनानी वर्दी पहनूंगा, बूट करेंगे ठक-ठक-ठक !
कंधे से बन्दूक लगेगी, मुन्नी देखेगी इक टक !
मैं सैनिक बन जाऊँगा !
चुन्नू-मुन्नू तुम भी आओ, सेना एक सजायेंगे !
हिंद देश के प्रहरी हैं हम, सीमा पर डट जायेंगे !
तुम रिपु-दल की थाह लगाना, मैं बन्दूक चलाऊंगा !
मैं सैनिक बन जाऊँगा !
मुन्नी हमको तिलक करो तुम, आज जा रहे हम रण में !
दुश्मन को पीछे पटका दें, यही लालसा है मन में !
तन-मन का मैं अर्ध्य चढ़ा कर, माँ का मान बढ़ाऊंगा !
मैं सैनिक बन जाऊँगा !
हिम-मंडित यह शुभ्र हिमालय, ऊँचा भाल हमारा है !
नींच शत्रु ने मलिन आँख से, इसको आज निहारा है !
अरि-मर्दन कर उसी रक्त से, माँ को तिलक चढाऊंगा!
मैं सैनिक बन जाऊँगा !
सत्यवती शर्मा